क्या माँ बाप कर सकते है, अपनी ही बच्चो का कत्ल ?
क्या बेटियां अपने ही घर में न्ही है सुरक्षित? एक बेटी जिसने देश का नाम रोशन कर बनाया अपना और अपने देश का नाम । और दूसरी बेटी जो डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी। दोनों की गलती क्या थी ? की वो बड़े सपने देख रही थी ? या समाज से हटकर कुछ अलग करना चाहती थी? आईए बात करते है, राधिका यादव और आरुषि तलवार की।

आरुषि तलवार
ये सिलसिला शुरू हुआ था 17 साल पहले, 2008 में। जब खबर सामने आई की एक माता पिता ने अपनी ही संतान का क़त्ल कर दिया ।

राधिका यादव
ऐसे ही एक और मामला सामने आए है। गुरुगांव में 25 साल की राधिका यादव के पिता ने अपनी ही बेटी की हत्या कर दी ।

दीपक यादव का बयान
राधिका के पिता ने खा की गाँव के लोग उसे बेटी की कमाई खाने का ताना मारते थे । इसलिए मानसिक तनाव में आकर उसने ये कदम उठाया ।

आरुषि और हेमराज
आरुषि और हेमराज के बीच कुछ अनुचित संबंध होने का शक जताया गया था । लेकिन ये थ्योरी बाद में आलोचन का शिकार हुई जिसकी वजहा से इसके ख़िलाफ़ सबूत नहीं बरामद हुए ।

घर के नौकर ही निकले दगाबाज़
कहा जा रहा था की घर के तीन नौकर - हेमराज, कृष्णा और अन्य दो दोस्त (राजमूमार और विजय ) ने शराब के नशे में आरुषि से छेड़छाड़ की कोशिश की और पकड़े जाने पर हत्या कर दी । बाद में कोर्ट जे इस थ्योरी को भी एक्सेप्ट न्ही किया, क्युकी डीएनए और फॉरेंसिक सबूत मेल न्ही खा रहे थे ।

कौन है दोशी?
2013 में तलवार दंपति को दोषी माना । लेकिन 2017 में इल्हाबाद हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया।ये केस भारतीय इस्तिहास में सबसे पेचीदा माना गया है । और इस केस पर आधारित एक फ़िल्म भी बनाई गई है जिसका नाम है talvar।
Disclaimer: यह जानकारी केवल जनजागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। इसमें आरुषि तलवार और फ्रादिका यादव से जुड़े मामलों का ज़िक्र है, जो संवेदनशील और जटिल हैं। हमारा उद्देश्य किसी की भावना आहत करना या किसी को दोषी ठहराना नहीं है। कृपया किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले स्वतंत्र रूप से जानकारी की पुष्टि करें। हम सभी संबंधित लोगों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता बनाए रखने के पक्ष में हैं।