‘फुर्र’ का मुहूर्त: आम आदमी के सपनों और रिश्तों को छूती अनोखी कहानी
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‘फुर्र’ का मुहूर्त: आम आदमी के सपनों और रिश्तों को छूती अनोखी कहानी

by Inkhabar webdesk
‘फुर्र’ का मुहूर्त: आम आदमी के सपनों और रिश्तों को छूती अनोखी कहानी

 Muhurat ceremony of the much-awaited family drama Furrr — featuring the Producer, Director, and Star Cast

मुंबई (महाराष्ट्र), अक्टूबर 11: बॉलीवुड के आकाश में एक नई चमक उभरी है। हाल ही में मुंबई के एक प्रतिष्ठित वेन्यू पर फ़िल्म ‘फुर्र’ (furrr) का शानदार मुहूर्त समारोह आयोजित किया गया, जिसने इंडस्ट्री में नई ऊर्जा भर दी। रोशनी से सजे मंच, संगीत की गूंज और दर्शकों के उत्साह के बीच इस पारिवारिक ड्रामा ने भावनाओं और उम्मीदों की नई उड़ान भरी।”

चित्रगुप्त आर्ट्स और ए. एस. एंटरप्राइज प्रोडक्शन (Chitragupta Arts and A S Enterprise Production)  के बैनर तले बन रही ‘फुर्र’ आम आदमी के सपनों, संघर्षों और पारिवारिक रिश्तों की सच्ची झलक पेश करेगी। यह कहानी केवल मनोरंजन नहीं करेगी, बल्कि दर्शकों के दिल में गहरे सवाल भी छोड़ेगी — खासकर उस दौर में जब सपनों की कीमत, जिम्मेदारियों का बोझ और नैतिक फैसले इंसान की असली परीक्षा लेते हैं।

मुहूर्त का शुभारंभ और निर्देशक की भावनाएं

समारोह की शुरुआत पारंपरिक पूजा-अर्चना से हुई। निर्देशक शैलेश श्रीवास्तव ने माइक संभालते हुए कहा,

“यह कहानी हर उस इंसान की है जो अपने भीतर एक बेहतर जीवन का सपना देखता है। हम सबकी ज़िंदगी में ऐसे पल आते हैं जब सपनों और हकीकत के बीच की दीवार बहुत पतली हो जाती है — फुर्र उन्हीं पलों को महसूस कराएगी।”

उनकी बातों पर पूरे हॉल में तालियों की गूंज उठी। शैलेश ने आगे बताया कि फिल्म का मूल फोकस परिवार और भावनाओं की उस डोर पर है, जो आज के तेज़ भागते वक्त में अक्सर कमजोर पड़ जाती है।

ओमकार दास मणिकपुरी ने जीता दिल

स्टेज पर आते ही जाने-माने अभिनेता ओमकार दास मणिकपुरी ने अपनी सादगी और मुस्कान से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने कहा,

“इस फिल्म की कहानी बहुत अलग है — एक आम आदमी की सच्ची जद्दोजहद से निकली हुई। इसमें वो सब कुछ है जो हर परिवार रोज़ महसूस करता है। मेरा किरदार हर उस शख्स की तरह है जो सपने देखता भी है और संघर्ष भी करता है।”

ओमकार ने बताया कि उन्होंने इस किरदार के लिए यूपी की लोक बोली सीखी है ताकि संवादों में असलियत झलके। सोशल मीडिया पर #FurrrMuhurat तेजी से ट्रेंड करने लगा, और फैंस ने इसे “दिल से जुड़ी कहानी” बताया।

प्रोड्यूसर माधुप कुमार का विज़न

फ़िल्म के प्रोड्यूसर माधुप कुमार ने चित्रगुप्त आर्ट्स और ए. एस. एंटरप्राइज प्रोडक्शन  के बैनर तले फिल्म लॉन्च करते हुए कहा,

फुर्र केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि हमारे सपनों और उलझनों का आईना है। हमने इसे प्यार और सच्चाई से बनाया है ताकि दर्शक हंसें भी, रोएं भी और सोचें भी। हर सीन में जिंदगी की एक परत है, जो दिल को छू जाएगी।”

उनके नेतृत्व में निर्देशक शैलेश श्रीवास्तव और म्यूज़िक डायरेक्टर अशोक शिवपुरी ने फिल्म को भावनात्मक गहराई दी है। लेखक अखिलेश चौधरी की कहानी में ट्विस्ट, संघर्ष और संवेदना का बेहतरीन संतुलन है।

संगीत की मिठास और लिरिक्स की आत्मा

फ़िल्म का संगीत इसकी आत्मा बताया जा रहा है। लिरिक्स डॉ. रंजू सिन्हा, कुमार सोना, राकेश चंद्र श्रीवास्तव और मोबिन ने लिखे हैं, जबकि आवाज़ें दी हैं राकेश चंद्र श्रीवास्तव, सतेंद्र आर्य, दिव्यांशी मौर्य, मनीषा श्रीवास्तव, शिवम सिंह और रूपेश मिश्रा ने।

मजबूत कलाकार, सच्चे रिश्ते

फ़िल्म की कास्ट में ओमकार दास मणिकपुरी के साथ सोनिया शरण, अदिति खत्री, भारत केशरवानी, राजेंद्र कर्ण, सीताकांत सहाय, डॉ. रणिल कुमार श्रीवास्तव, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, जफर खान, करण और कई नए कलाकार शामिल हैं।

सोनिया शरण ने बताया कि उनका किरदार एक ऐसी मां का है जो परिवार के लिए सब कुछ कुर्बान कर देती है — और यही फिल्म की भावनात्मक रीढ़ है।

लखनऊ और रायबरेली में होगी शूटिंग

मुख्य शूटिंग उत्तर प्रदेश के लखनऊ और रायबरेली में की जाएगी, ताकि फिल्म की पृष्ठभूमि में असल भारतीय भावनाएं झलके। निर्देशक ने बताया कि स्थानीय गलियां, बाजार और घर का माहौल कहानी को असलियत से जोड़ देगा।

“वहां की हवा में जो सादगी और अपनापन है, वही फिल्म को जिंदा बनाएगा,” उन्होंने कहा।

‘फुर्र’ – रिश्तों और सपनों का दिल छू लेने वाला सफर

फुर्र सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि जीवन के उन सवालों का आईना है जो हर इंसान के भीतर उठते हैं — क्या सपने परिवार से बड़े हो सकते हैं? क्या जिम्मेदारियां दिल की आवाज़ को दबा देती हैं?
फ़िल्म दर्शकों को प्यार, वफादारी और रिश्तों की अहमियत पर सोचने को मजबूर करेगी।

टीम ने कहानी को गुप्त रखते हुए बस इतना कहा,

“स्पॉइलर नहीं देंगे, बस इतना वादा है — सिनेमा हॉल से निकलते वक्त आंखें नम होंगी और दिल भरा हुआ होगा।”

चित्रगुप्त आर्ट्स की दूसरी बड़ी प्रस्तुति

यह फिल्म निर्देशक शैलेश श्रीवास्तव की पिछली सफल फिल्म ‘पलक’ के बाद चित्रगुप्त आर्ट्स की दूसरी प्रस्तुति है। ‘पलक’ ने एक अंधी लड़की के अटूट सपनों की कहानी से दर्शकों का दिल जीत लिया था। यह प्रोडक्शन हाउस ऐसी कहानियां बनाने के लिए जाना जाता है जो समाज के मुद्दों को गहराई से छूती हैं और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं।

बॉलीवुड प्रेमियों के लिए खुशखबरी — ‘फुर्र’ रिश्तों, सपनों और संवेदनाओं की नई उड़ान भरने को तैयार है। क्या यह अगली बड़ी हिट बनेगी? देखने के लिए तैयार रहिए — क्योंकि यह कहानी दिल से निकली है, और दिल तक जरूर पहुंचेगी।

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