मुंबई (महाराष्ट्र), नवंबर 5: एडवोकेट मलिका शिरज़ादे, जो एक प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट और बौद्धिक संपदा वकील हैं, ने ए.आर. रहमान के “सीक्रेट माउंटेन” प्रोजेक्ट के लिए एक अनोखा और अग्रणी कानूनी ढांचा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य तकनीक-आधारित कलात्मक नवाचार में रचनात्मक और व्यावसायिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस पहल में उनकी सहयोगी एडवोकेट ज़हरा ने महत्वपूर्ण कानूनी शोध और रणनीतिक सुझाव देकर अहम भूमिका निभाई।
इस परियोजना के अंतर्गत एक विशेष बौद्धिक संपदा (IP) और लाइसेंसिंग संरचना तैयार की गई है, जिसमें आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) और वेब3 जैसी उभरती तकनीकों का समावेश किया गया है। यह संरचना डिजिटल युग में कलाकारों के अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक नया मानदंड स्थापित करती है।
एडवोकेट मलिका शिरज़ादे ने कहा: आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कलाकारों के लिए अपार संभावनाएँ लेकर आता है, लेकिन साथ ही कई जटिल कानूनी प्रश्न भी खड़े करता है। यह ढांचा सुनिश्चित करता है कि तकनीकी प्रगति रचनात्मक स्वामित्व और निष्पक्ष व्यावसायिक प्रथाओं का सम्मान करते हुए आगे बढ़े”|
इस पहल को सीक्रेट माउंटेन के सह-संस्थापक, वेब3 विशेषज्ञ और उद्यमी श्री विग्नेश राजा के सहयोग से विकसित किया गया, जिनकी उभरती तकनीकों और रचनात्मक इकोसिस्टम्स पर पकड़ इस परियोजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण रही।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि कानून, तकनीक और रचनात्मकता किस तरह ज़िम्मेदारी और संतुलन के साथ एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। साथ ही, यह एडवोकेट मलिका शिरज़ादे की उस दूरदर्शी कानूनी सोच को भी प्रमाणित करता है जो कलाकारों और इनोवेटर्स को बदलते डिजिटल दौर में सशक्त बनाने की दिशा में समर्पित है।
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